बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर। बस आंखें बंद करके उड़ जाना चाहती सारी झंझटों से दूर।
अनबुझ - सी प्यास ये कैसी है जो हरदम मुझे सताए है... अनबुझ - सी प्यास ये कैसी है जो हरदम मुझे सताए है...
हां मैंने वक्त को थमते देखा है वक्त को वक्त के साथ लड़ते देखा है। हां मैंने वक्त को थमते देखा है वक्त को वक्त के साथ लड़ते देखा है।
रोज़ी रोटी की खातिर हम निकला था परदेस। रोज़ी रोटी की खातिर हम निकला था परदेस।
रोज रोज सबके अपने खो रहे देखो ! दिल्ली शहर का क्या हो रहा। रोज रोज सबके अपने खो रहे देखो ! दिल्ली शहर का क्या हो रहा।
मैं ही ढाल बन तुम्हारी ज़िंदगी और मौत के बीच खड़ा हूँ ! मैं ही ढाल बन तुम्हारी ज़िंदगी और मौत के बीच खड़ा हूँ !